नमो नवनाथेभ्यः नवनाथनाम- कवित्त
आदिनाथ महेश आकाश रूप छाय रहे, उदयनाथ पार्वती पृथ्वी रूप भाये हैं। सत्यनाथ ब्रह्मा जी जिनका है जल रूप, उन्हीं ने तो कृपा कर सृष्टि को रचाये हैं। सन्तोषनाथ विष्णु तेज खाण्डा खड़ग रूप, राजपाट अधिकारी वही तो कहाये हैं । अचल अचम्भेनाथ जिनका है शेष रूप, पृथ्वी का भार सब शीश पर उठाये हैं। […]