Arti Sangrah

श्री गुरु वंदना

श्री गुरु वंदना गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना । मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगह देना ॥ टेर ।। करुणानिधि नाम तेरा, करुणा दिखला जावो ।  सोये हुए भाग्यों को, हे नाथ जगा जाओ। मेरी नाव भंवर डोले, इसे पार लगा देना | टेर ॥ तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे […]
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श्री लक्ष्मीजी की आरती

जय लक्ष्मी माता मैया जय श्री लक्ष्मी माता।  तुमको निश दिन ध्यावत हर विष्णु धाता || जय |  ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला तूही है जगमाता ।  सूर्य, चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता ॥ जय ॥ दुर्गारूप निरञ्जनी, सुख सम्पत्ति दाता ।  जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धिसिद्धि धनपाता ॥ जय ॥ तूंही है पातालवसंती, तूही है शुभ […]
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श्री दुर्गाजी की आरती

जै अम्बे गौरी, मैया जै मंगलमूर्ति, मैया जै आनन्द करणी।  तुमको निशि दिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ जय ॥  मांग सिंदूर विराजत, टीको मृग मद को । उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्र बदन नीको ।। जय ।।  कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।  रक्त पुष्प गलमाला, कण्ठन पर साजै ॥ जय ॥  केहरि वाहन […]
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भजन-2

जय श्री बालाजी महाराज, अनौखी थारी झांकी | टेर ।। जय श्री सालासर हनुमान, अनोखी थारी झाँकी । टेर ।। अनोखी थारी झांकी, निराली थारी झाँकी ।  जय श्री बालाजी महाराज, अनोखी थारी झाँकी ।। टेर ।।  थारे सिर पर मुकुट बिराजे, काना में कुण्डल साजे ।  बाबा गल बैजन्ती माल, अनोखी थारी झांकी ॥ […]
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भजन-1

बजरंगबली मेरी नाव चली, जरा बल्ली कृपा की लगा देना ।  मुझे रोग ने, शोक ने घेर लिया, मेरे ताप को नाथ मिटा देना || टेर ।  मैं दास तो आपका जन्म से हूँ, बालक और शिष्य भी धर्म से हूँ ।  बेशर्म, विमुख निज कर्म से हूँ, चित से मेरा दोष भुला देना ।। […]
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श्री राम-स्तुति

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।  नवकंज लोचन, कंज-मुख, कर-कंज, पदकंजारूणं ॥  कंदर्प अगणित अमित छवि, नवनील-नीरद सुंदरं ।  पट पीत मानहु तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक सुतावरं ।।  भजु दीनबंधु दिनेश, दानव-दैत्यवंश-निकंदनं ।  रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद्र दशरथ-नंदनं ।।  सिर मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारू अंग विभूषणं ।  आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम-जित-खरदूषणं ।।  इति […]
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श्री राम-स्तुति

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।  नवकंज लोचन, कंज-मुख, कर-कंज, पदकंजारूणं ॥  कंदर्प अगणित अमित छवि, नवनील-नीरद सुंदरं ।  पट पीत मानहु तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक सुतावरं ।।  भजु दीनबंधु दिनेश, दानव-दैत्यवंश-निकंदनं ।  रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद्र दशरथ-नंदनं ।।  सिर मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारू अंग विभूषणं ।  आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम-जित-खरदूषणं ।।  इति […]
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श्री गणेश वंदना

दोहा-  जय गणेश आनन्द करण, विघ्न विनाशन हार।  रिद्धि सिद्धि दीज्यो प्रभु, लाभ होय व्यापार ॥ म्हाने सुध बुध द्यो महाराज, गजानन्द गौरी के नन्दा |  म्हापे महर करो महाराज, गजानन्द गौरी के नन्दा ॥ टेर ॥ गौरी के नन्दा हो गजानन्द, गौरी के नन्दा |  म्हारी सहाय करो महाराज, गजानन्द गौरी के नन्दा ॥ […]
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पुष्पांजलि 

हे रामः पुरुषोत्तमः नरहरे, नारायणं केशवं ।  गोविन्दं गरुड़ध्वजं गुणनिधे दामोदरं माधवं ॥  हे कृष्ण, कमलापते, यदुपते, सीतापते श्रीपते ।  बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम् ।।  आदौ राम तपोवनादि गमनम् हत्वा मृगं काँचनम।  वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव सम्भाषणम् ।  बालि निग्रहणं समुद्रतरणं, लंकापुरी दाहनम् ।  पश्चाद्रावण कुम्भकरण हननं एतद्धि रामायणम् ॥  आदौ देवकीदेव गर्भजननं गोपीगृहे […]
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॥ श्री ॥ शिव स्तुति

शीश गंग अर्द्धग पार्वती, सदा विराजत कैलाशी ।  नंदी भृङ्गी नृत्य करत है, गुण भक्तन शिव के गासी ।।  शीतल मंद सुगंध पवन, जहाँ बैठे हैं शिव अविनासी ।  करत गान गंधर्व सप्त स्वर, राग रागिनी अतिगासी ।।  यक्ष-रक्ष भैरव जहाँ डोलत, बोलत है वन के वासी।  कोयल शब्द सुनावत सुन्दर, भंवर करत है गुंजासी […]
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