ॐ शिव गोरक्ष योगी प्रार्थना 

ॐ शिव गोरक्ष योगी 

गंगे हर-नर्मदेहर, जटाशंङ्करी हर ॐ नमो पार्वती पतये हर, 

बोलिये श्री शम्भू जती गुरु गोरक्षनाथ महाराज की जय, 

माया स्वरूपी दादा मत्स्येन्द्रनाथ महाराज की जय, 

नवनाथ चौरासी सिद्धों की जय, 

भेष भगवान की जय, 

अटल क्षेत्र की जय, 

विलक्षण अवधूत श्री अमृत नाथजी महाराज की जय, 

योगी पीर श्री ज्योतिनाथजी महाराज की जय, 

योगीराज श्री शुभनाथजी महाराज की जय, 

श्री सिद्ध बाबाजी श्री शेरनाथजी महाराज की जय, 

श्री महन्त हनुमान नाथजी महाराज की जय, 

अपने-अपने श्री गुरु महाराज की जय, 

श्री आदिनाथ भगवान शंकर की जय, 

श्री वीर बजरंग बली की जय, 

श्री भैरव बाला की जय आदि शक्ति महामाई की जय, 

भारत माता की जय, गौ माता की जय, 

समस्त देवी देवताओं की जय, 

सनातन धर्म की जय, 

सच्चे दरबार की जय, 

नमः पार्वति पतये हर-हर महादेव शम्भू!!! 

कर्पूरगौरम् करुणावतारम् 

संसारसारम् भुजगेन्द्र हारम् 

सदा वसन्तम् हृदयार विन्दे 

भवंभवानी सेहितम् नमामी 

मन्दारमाला कलिताल कायै 

कपालमालाङ्कित कन्थराय 

नमः शिवायै च नमः शिवाय 

गोरक्ष बालम् गुरु शिष्य पालम् 

शेषां हिमालम् शशिखण्ड भालम् 

कालस्य कालम जितजन्म जालम् 

वन्दे जटालम जगदब्जनालम् 

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः । 

गुरुः साक्षात्परब्रह्म, तस्मै श्री गुरवै नमः ॥ 

ध्यानमूलं गुरोर्मूर्ति, पूजा मूलं गुरु पदम्। 

मन्त्रमूलं गुरुरवाक्यं मोक्ष मूलं गुरु कृपाः ।। 

मन्त्र सत्यं पूजा सत्यं सत्यदेवं निरन्जनम् 

गुरुरवाक्यं सदा सत्यं सत्यंमओकम परंपदम् 

त्वमेव माता च पिता त्वमेव 

त्वमेव बन्धु च सखा त्वमेव 

त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव 

त्वमेव सर्वम मम् देव देवः 

आकाषाय ताडका लिंगम 

पाताले वटुकेश्वरम् 

मृत्यु लोके महाकालम 

सर्व लिंगम नमोस्तुते 

शेली श्रृंगी शिर जटा झोली भगवा भेष 

कानन कुण्डल भस्म लसै, शिव गोरक्ष आदेश 

ॐकार तेरा आधार 

तीन लोक में जय-जयकार 

नाद बाजे काल भागे, 

ज्ञान की टोपी, गोरख साजे 

गले नाद, पुष्पन की माला 

रक्षा करें, श्री शम्भुजति गुरु 

गोरक्षनाथ जी बाला ।। 

चार खाणी चार बानी 

चन्द्र सूर्य पवन पानी 

एको देवा सर्वत्र सेवा 

ज्योति पाटले परसो देवा 

कानन कुण्डल गले नाद 

करो सिद्धो नाकार 

सिद्धों गुरोवरों को आदेश! आदेश!! 

 सद्गुरु देव