आदिनाथ सदाशिव हैं जिनका आकाश रूप,
उदयनाथ पार्वती पृथ्वी रूप जानिये ।
सत्यनाथ ब्रह्माजी जिनका जल स्वरूप,
विष्णु सन्तोषनाथ तेजरूप मानिये ।
अचल हैं अचम्भेनाथ जिनका है शेष रूप,
गजबेली गजकन्थड़नाथ हस्तिरूप जानिये ।
ज्ञानपारखी जो सिद्ध है वो चौरंङ्गीनाथ,
अठारह भार वनस्पति चन्द्ररूप मानिये ।
दादा श्रीमत्स्येन्द्रनाथ जिनका है माया रूप,
गुरु श्रीगोरक्षनाथ ज्योतिरूप जानिये ।
बाल ये त्रिलोक नवनाथ को नमन करे,
नाथजी यह बालको अपना ही मानिये ।