जय श्री बालाजी महाराज, अनौखी थारी झांकी | टेर ।।
जय श्री सालासर हनुमान, अनोखी थारी झाँकी । टेर ।।
अनोखी थारी झांकी, निराली थारी झाँकी ।
जय श्री बालाजी महाराज, अनोखी थारी झाँकी ।। टेर ।।
थारे सिर पर मुकुट बिराजे, काना में कुण्डल साजे ।
बाबा गल बैजन्ती माल, अनोखी थारी झांकी ॥ 1 ॥
थारे माथे तिलक विराजे, नैणा में सुरमों साजे ।
बाबा मुख में नागर पान, अनोखी थारी झांकी ॥ 2 ॥
थारे अंग में चोला साजे, ऊपर से बरक बिराजे।
बाबा रोम रोम में राम, अनोखी थारी झांकी ॥ ३ ॥
थारे हाथ में घोटा साजे, दूजे में गदा बिराजे।
बाबा घोटा की बलिहार, अनोखी थारी झांकी ॥ 4 ॥
थारे पगां पैजणी साजे, चलतां की छमछम बाजे ।
बाबा चलगत की बलिहार, अनोखी थारी झांकी ॥ 5 ॥
लडुवां को भोग थारे लागे, पेड़ा को भोग भी लागे ।
बाबा चूरमा की है बौछार, अनोखी थारी झाँकी ॥ 6 ॥
लक्ष्मण के शक्ति लागी, तब लेने संजीवन भागे।
बाबो ल्यायो पहाड़ उठाय, अनोखी थारी झाँकी ॥ 7 ॥
रावण को रघुवर मारे, तब राज विभीषण पाये ।
दिया सिया राम ने मिलाय, अनोखी थारी झाँकी ॥ 8 ॥
सालासर में मैं जोत बिराजे, थारी पड़ी नोपतां बाजे ।
बाबा भक्ता करे जै जैकार, अनोखी थारी झाँकी ॥ 9 ॥
दूर-दूर का यात्री आवे, थारे ध्वजा-नारियल ल्यावे
बाबा सबका संकट टाल, अनोखी थारी झांकी ॥ 10 ॥
थारो ‘तुलसीदास’ जस गायो, चरणां में शीष नवायो ।
बाबा करद्यो बेड़ा पार, अनोखी थारी झांकी ॥ 11 ॥